आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद NCB ने अपनी पीठ थपथपाते हुए बताया है कि 15 दिन की जबरदस्त प्लानिंग करने के बाद उसके 2 दर्जन अधिकारियों ने समुद्र के भीतर सौ डेढ़ सौ किलोमीटर अंदर जा कर ऐसी अफलातूनी कार्रवाई की जिसका परिणाम सामने है।गौर कीजियेगा कि उन्होंने ऐसा गज़ब का तीर (छापा) मारा कि 600 यात्रियों की भीड़ वाले क्रूज़ पर हो रही ड्रग्स पार्टी में 5 ग्राम MD, 13 ग्राम कोकीन, 22 ग्राम चरस, 22 गोली MDMA की बरामद कर ली। यह बताने में NCB को लगभग 20 घंटे लगे हैं। उनके वयान आने से पहले ही न्यूजचैनलों के रिपोर्टरों ने प्रायोजित हुड़दंग की यह नौटंकी भी शुरू कर दी थी कि “NCB के इस खुलासे से आर्यन खान की मुश्किलें बहुत बढ़ गयी हैं।” जबकि न्यूजचैनलों का यह हुड़दंग सरासर सफेद झूठ है, जो थोड़ी भी समझ रखते है उन्हें पता है कि यह देश की आंखों में सरेआम धूल झोंकने की कोशिश है। सच यह है कि 8-10 लोगों से इतनी कम मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी दिखाने के वाद NCB ने आर्यन खान की मुक्ति का
5 स्टार VVIP रास्ता उसकी गिरफ्तारी से पहले ही खोल दिया था। कानून के जानकार इस बात की पुष्टि करते है।
20 घंटों में क्या डील हुई, किससे डील हुई, क्यों डील हुई.? यह सच तो डील करने और कराने वाले ही जानते होंगे। सवाल पूछने की जिम्मेदारी जिन लकड़बग्घों की है वो कल रात से ही “नाच मेरी बुलबुल कि पैसा मिलेगा।” गाने की धुन पर जमकर नाच रहे हैं।
पिछले साल सवा साल से पूरा देश यह देख रहा है कि बॉलीवुड के कितने मशहूर भांड़ NCB के दफ्तर तक लाए गए,मीडिया ने उनकी हरकते सार्वजनिक की। दिन दिन भर खबरे चलवाई गयी। NCB की तारीफ में कुछ बिकाउ मीडिया हाउस ठुमके लगाए। लेकिन बॉलीवुड का कोई भांड़ 5 मिनट के लिए भी जेल नहीं गया। उनके केस का क्या हुआ ? NCB ने यह कभी नहीं बताया। कुछ सड़कछाप लतियल ड्रग पैडलर को वे जेल भेज कर बेदाग बने रहे। इधर सवा साल से पूरे देश को कुछ मीडिया संस्थान यह “काढ़ा” भी लगातार पिला रहे हैं कि NCB मुंबई का जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र से भी कई गुना ज्यादा ईमानदार और कड़क ऑफीसर है।
फिलहाल इतना जान लीजिए कि किसी पुलिस चौकी का कोई तेजतर्रार सिपाही भी अगर यह ठान ले कि उसे आज ड्रग पैडलर को पकड़ना है, तो वह आर्यन केस में बरामद हुई नशीली पूड़ियों से कई गुना ज्यादा ड्रग्स वह कुछ घंटों में बरामद कर लेगा। जितनी ड्रग की बरामदगी NCB दिखा रही है। यह मुंबई नहीं बल्कि मुंबई से कई गुना छोटे और मुंबई की तुलना में ड्रग्स के कई गुना कम चलन वाले शहरों की स्थिति दिखा रहे है।
फिलहाल यह बहुत निराश की बात है कि युवाओं के आदर्श बने ये कथित हीरो आकंठ नशे में चूर होकर समाज मे जो गंदगी फैला रहे है वह समाज पर बहुत भारी पड़ने वाली है। इन अपराधियो के बचाव में खड़े कई एपी सिंह टाइप के वकीलों की खुराक इन्हें बचाते हुए पूरी होती रहेगी।
खबरों पर चिल्लपो करने वाले भी ले देकर ठंडे हो जाएंगे। पर ड्रग माफिया के गिरेवान तक अब तक न ही कोई हाँथ न पहुँचा है और न ही पहुँचने की कोई संभावना है। याद कीजिए किसी समय देश की बड़ी शख्सियत रहे प्रमोद महाजन के बेटे राहुल महाजन और सेक्रेटरी विवेक मोइत्रा ड्रग में धुत पाए गए थे मोइत्रा की तो मौत ही ड्रग की ओवरडोज से हुई थी स्वर्गीय प्रमोद जी के सुपुत्र राहुल महाजन भी मौत के मुहाने से लौटे। गौरतलब है कि देश के इतने महत्वपूर्ण व्यक्ति जिसका घर के अंदर प्रवेश करने के लिये सुरक्षा के मजबूत घेरे से गुजरना पड़े, वहां तक ड्रग माफिया की पहुँच बेधड़क होना क्या संकेत देता है।यद्यपि वह मामला पुराना हो गया है। फिर भी ड्रग के कारोबार को समझने के लिए वह काफी कुछ संकेत देता है। आर्यन खान तो एक नाम है, जो उछला है वह गुम भी हो जायेगा मुद्दा तो वो बड़ी मछलियां है जिनके नाप का जाल देश मे उपलब्ध नही है।
(लेखक वरिष्ठ चिंतक एवं सामयिक विषयों के विश्लेषक हैं)