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MPBSE Exam Pattern: एमपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के परीक्षा पैटर्न में किया बड़ा बदलाव

MPBSE Exam Patters: digi desk/BHN/ भोपाल/ इस साल मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दसवीं व बारहवीं बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट का प्रतिशत बढ़ाने के लिए नया बदलाव किया है। मंडल ने सत्र 2021-22 से दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षा के प्रश्नों के पैटर्न में बदलाव किया है। इस साल का ब्लू प्रिंट जारी कर दिया है और इसे माशिमं की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया है, ताकि विद्यार्थी अभी से इसके मुताबिक तैयारी शुरू कर दें। अब दसवीं व बारहवी कक्षाओं के प्रश्नपत्र में वस्‍तुनिष्‍ठ प्रश्‍न अधिक पूछे जाएंगे। करीब चालीस फीसद अंकों के वस्तुनिष्ट प्रश्न होंगे। अभी तक माशिमं की दसवीं-बारहवीं परीक्षा में 25 फीसद अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते थे।

माशिमं की पाठ्यचर्या समिति की बैठक में हुए निर्णय के बाद यह बदलाव किया गया है। नए ब्लू प्रिंट को लोक शिक्षण विभाग द्वारा 24 सितंबर से आयोजित की जाने वाली तिमाही परीक्षा में लागू किया गया है। मंडल के प्रश्न पत्र में 40 फीसद अंकों के वस्तुनिष्ट प्रश्न पूछे जाने से अब लगभग सभी विद्यार्थियों को लंबे-लंबे उत्‍तर लिखने से निजात मिलेगी। दरअसल दसवीं की परीक्षा में पहले से बेस्ट आफ फाइव योजना लागू है। दसवीं की परीक्षा में दो विषय में सप्लीमेंट्री दी जाती है। अब चालीस फीसदी अंकों के प्रश्न सिर्फ आब्जेक्टिव होंगे। इन सब बदलाव से विद्यार्थी आसानी से पास हो सकेंगे। माशिमं की परीक्षा में 33 फीसद अंक पर विद्यार्थियों को पास किया जाता है।

बेस्ट आफ फाइव योजना में किया बदलाव

दसवीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम को बेहतर बनाने के लिए मंडल ने बेस्ट ऑफ फाइव आउट ऑफ सिक्स योजना लागू की है। इसके तहत अगर कोई विद्यार्थी एक विषय में फेल भी हो गया और अन्य पांच में उत्‍तीण है तो वह उत्तीर्ण माना जाता है। इसके अंतर्गत 9 वीं और 10वीं के विद्यार्थी 6 विषय की परीक्षा देंगे, लेकिन उनके परिणामों की गणना 5 विषय की ही होती है। यानी जिन 6 विषयों की परीक्षा ली जाती है उनमें से 5 विषयों में जिसमें सबसे अधिक अंक आए हैं उसे ही परीक्षा परिणाम की गणना में जोड़ा जाता है। अगर कोई विद्यार्थी एक विषय में फेल भी हो गया और अन्य 5 में पास है तो वह उत्तीर्ण माना जाता है। इससे दसवीं के परिणाम में कुछ सुधार जरूर आया। लेकिन कई विद्यार्थियों ने सिर्फ पांच विषयों की तैयारी करने के फेर में गणित या अंग्रेजी पढऩा छोड़ दी। बेस्ट आफ फाइव योजना लागू होने के बाद गणित या अंग्रेजी में आधे से अधिक विद्यार्थी इन दो विषयों में फेल होते है।
यह होगा बदलाव
– हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी में मूल्यांकन 80 अंक सैद्धांतिक एवं 20 अंक प्रायोगिक/ प्रोजेक्ट के लिए रहेंगे।
-हायर सेकेंडरी में मूल्यांकन प्रायोगिक विषयों में 70 अंक सैद्धांतिक एवं 30 अंक प्रायोगिक के लिए रहेंगे।
– हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी के सभी विषयों के सैद्धांतिक प्रश्न पत्र में 40 फीसद वस्तुनिष्ठ प्रश्न, 40 फीसदी विषय आधारित प्रश्न एवं 20 फीसद विश्लेषणात्मक प्रश्न होंगे।
– पुराना व्यावसायिक, एनएसक्यूएफ एवं डीएलएड में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
-हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी में भारतीय संगीत विषय के अंतर्गत सत्र 2021-22 में 9वीं एवं 11वीं में दो पृथक-पृथक प्रश्न पत्र (गायन वादन, तबला पखावज) बनाए जाएंगे तथा सत्र 2022-23 में कक्षा 10वीं एवं 12वीं में दो पृथक-पृथक प्रश्न पत्र (गायन वादन, तबला पखावज) बनाए जाएंगे।

बदलाव से होंगे ये लाभ

– वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या अधिक होगी।

– वस्तुनिष्ठ प्रश्नों से अंक अच्छे मिलेंगे।

– इस बार चार अंक के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न कम होंगे।

– इस बार तीन अंक के लघु उत्तरीय प्रश्न भी कम किए जाएंगे।

– 20 फीसद प्रोजेक्ट में भी अच्छे अंक मिलेंगे।

पहले यह होता था

कुल अंक – 100

वस्तुनिष्ठ प्रश्न- 25 अंक

अति लघु उत्तरीय प्रश्न- 10 अंक

लघु उत्तरीय प्रश्न – 12 अंक

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न- 28 अंक

निबंधात्मक प्रश्न- 25 अंक

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