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world alzheimers day: रोजाना की जिंदगी पर कैसे असर डालती है अल्जाइमर बीमारी..!  जानिए, इससे होने वाले नुकसान

world alzheimers day: digi desk/BHN/अल्जाइमर ड‍िसीज क्‍या होता है? अल्‍जाइमर में द‍िमाग के ट‍िशू को नुकसान पहुंचना शुरू हो जाता है ज‍िसके कारण व्‍यक्‍त‍ि में याद्दाश कमजोर होना, मानस‍िक क्षमता पर असर पड़ने लगता है। इस बीमारी से पीड़‍ित लोगों को रोज के काम करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। शुरूआती स्‍टेज में मरीज अपने दोस्‍त या अन्‍य लोगों को पहचान सकता है पर धीरे-धीरे वो चीजें भूलने लगता है। उम्र बढ़ने के साथ बीमारी भी बढ़ने लगती है हालांक‍ि ऐसा नहीं है क‍ि अल्‍जाइमर केवल बूढ़े व्‍यक्‍त‍ियों को होने वाली बीमारी है, इससे कम उम्र के लोग भी इफेक्‍ट होते हैं। अल्‍जाइमर के मरीज में गुस्‍सा, च‍िड़च‍िड़ापन और शब्‍दों को दोहराने जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं। व्‍यक्‍त‍ि रास्‍ता भूलना, अकेलापन का अहसास कर सकता है। ऐसे मरीजो को इलाज की जल्‍दी जरूरत होती है। इस लेख में हम जानेंगे क‍ि अल्‍जाइमर रोजमर्रा की ज‍िंदगी को कैसे प्रभाव‍ित करता है।

अल्‍जाइमर होने पर रोज के काम करने में परेशानी होती है 

अल्‍जाइमर्स होने पर ब्रेन तक सही मैसेज पहुंचने की क्षमता कम होने लगती है ज‍िसके कारण रोज के काम करने में मरीज को परेशानी आ सकती है। इस बीमारी से पीड़‍ित व्‍यक्‍त‍ि को साफ-सफाई, नहाना या खाने में भी द‍िक्‍कत आ सकती है, पहले ये लक्षण हल्‍के होते हैं फ‍िर व्‍यक्‍त‍ि धीरे-धीरे अपने समझने और सोचने की शक्‍त‍ि खोने लगता है।

तैयार होने में अल्‍जाइमर के मरीज को द‍िक्‍कत होती है

जिन मरीजों में अल्‍जाइमर जैसी बीमारी के लक्षण नजर आने लगते हैं वो छोटी-छोटी चीजों को करने में काफी समय लगाते हैं, जैसे इस तरह के मरीज खुद से तैयार नहीं हो पाते। कई मरीजों को ये नहीं पता होता क‍ि उन्‍हें कपड़े कैसे पहनने हैं। अल्‍जाइमर्स होने पर द‍िमाग के सोचने-समझने या एक साथ कई काम करने की क्षमता पर असर पड़ता है। ऐसे मरीजों को डॉक्‍टर घर में ही रहने की सलाह देते हैं।

अल्‍जाइमर के मरीज दो म‍िनट पहले की बात भी भूल जाते हैं

अगर आपके आसपास कोई अल्‍जाइमर का मरीज है तो आपको पता होगा क‍ि ऐसे मरीज कुछ भी याद नहीं रख पाते। मेमोरी लॉस होना इन मरीजों में सबसे कॉमन समस्‍या होती है। शुरूआत में ऐसा हो सकता है क‍ि मरीज को चाय बनाने का तरीका न याद आए या रोज क‍िए जाने वाले काम हो व्‍यक्‍त‍ि भूल जाए या अचानक से शांत हो जाए तो आपको गौर करना चाह‍िए।

अल्जाइमर के मरीज खुद से कोई फैसला नहीं कर पाते 

ज‍िन मरीजों को अल्‍जाइमर्स होता है वो खुद से अपने फैसले लेने में सक्षम होते हैं। द‍िमाग में स‍िग्‍नल न पहुंच पाने के कारण उनके फैसले लेने की क्षमता पर असर पड़ता है। इसका मतलब है उन्‍हें रोज के सामान्‍य फैसले जैसे गर्मी लगने पर पंखा चलाना या ठंड लगने पर पंखा बंद करने तक का फैसला नहीं कर पाते हैं। ये छोटे-छोटे फैसले न कर पाने के कारण पीड़‍ित व्यक्‍त‍ि को अकेला छोड़ना खतरे से खाली नहीं होता। ऐसे लोग क‍िसी भी बात पर ध्‍यान नहीं दे पाते तो खतरा और भी ज्‍यादा बढ़ जाता है।

How to treat Alzheimer’s disease

अल्‍जाइमर का बचाव ही इसका इलाज है। आपको इस बीमारी से ज‍ुड़ी ज‍ितनी ज्‍यादा जानकारी होगी उतना ही आप बीमारी से बचे रहेंगे। अगर आपके पर‍िच‍ित या दोस्‍त को इस बीमारी के दौरान नजर आने वाले लक्षण द‍िख रहे हैं तो तुरंत डॉक्‍टर से सलाह लें। जिन मरीजों को अल्‍जाइमर होता है उन्‍हें हेल्‍दी डाइट का सेवन करना चाह‍िए। मरीज को पर्याप्‍त नींद और व्‍यायाम भी जरूर करना चाह‍िए। इससे द‍िमाग को काफी हद तक कंट्रोल क‍िया जा सकता है पर ऐसे मरीजों को व्‍यायाम करवाने के ल‍िए आपको कई एक्‍ट‍िव‍िटीज का सहारा लेना पड़ सकता है तभी उन्‍हें फायेदा होगा।

अल्जाइमर से बचा जा सकता है?

अल्‍जाइमर का कोई तय इलाज तो नहीं है ज‍िसे करके व्‍यक्‍त‍ि पहले जैसा हो जाए लेक‍िन आप अगर शुरूआती लक्षण पकड़ लें तो बीमारी को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही खत्‍म क‍िया जा सकता है। इसके ल‍िए आप न्‍यूरोलोज‍िस्‍ट से म‍िल सकते हैं। अल्‍जाइमर की कोई दवा भी मौजूद नहीं है। न्‍यूरोलोज‍िस्‍ट के अलावा आपको साइकेट्र‍िस्‍ट, साइकोलोज‍िस्‍ट, फ‍िज‍िकल थेरेप‍िस्‍ट आद‍ि से भी म‍िलना चाह‍िए। अल्‍जाइमर के मरीज के लिए मनोरंजन का साधन भी होना जरूरी है इससे च‍िड़च‍िड़ापन या गुस्‍से के लक्षण कम नजर आते हैं, आपको मरीज के साथ बोर्ड गेम्‍स या वीड‍ियो गेम्‍स खलने चाह‍िए, गेम्‍स के जर‍िए मरीज का ड‍िप्रेशन भी कम होगा।

How to take care of Alzheimer’s patient

  • अल्‍जाइमर के मरीज को डॉक्‍टर से सलाह हेल्‍दी डाइट दें ज‍िसमें फाइबर की अच्‍छी मात्रा होनी चाह‍िए जैसे ताजे फल और सब्‍ज‍ियां।
  • अल्‍जाइमर के मरीज को शांत माहौल की जरूरत होती है ज्‍यादा शोर से मरीज को परेशानी हो सकती है, आप उन्‍हें ज्‍यादा भीड़ या ऐसी जगह न लेकर जाएं जहां ज्‍यादा लोग हों।
  • आप अपने म‍ित्र या पर‍िजन को मरीज के मेड‍िकल कंडीशन के बारे में बताकर रखें ताक‍ि जब वो लोगों से म‍िले तो मरीज को परेशानी न हो।
  • आप मरीज को मॉर्न‍िंग की वॉक पर लेकर जा सकते हैं, ताजी ऑक्‍सीजन में मरीज को बेहतर महसूस होगा।
  • अल्‍जाइमर के मरीज बहुत सेंस‍िट‍िव होते हैं, उनसे धीरे-धीरे और आराम से बात करें, तेज आवाज से मरीज डर सकता है।
  • आपको अल्‍जाइमर के मरीज से लंबे वाक्‍य नहीं बोलने चाह‍िए, इससे मरीज को आपकी बात समझने में परेशानी हो सकती है।
  • आपके घर में कोई अल्‍जाइमर का मरीज है तो उसे हर बात पर प्रोत्‍साह‍ित करें, छोटे-छोटे काम करने पर मरीज को प्रोत्‍साहन दें। इससे मरीज को बेहतर महसूस होगा।

अगर आप क‍िसी ऐसे मरीज को जानते हैं ज‍िससे अल्‍जाइमर है तो उसे ड‍िप्रेशन से बचाएं, अगर मरीज क‍िसी गंभीर बीमारी का श‍िकार भी है तो उस बीमारी को इलाज के जर‍िए कंट्रोल में रखें और व्‍यक्‍त‍ि को हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल दें।

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