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11 September attacks: पीएम मोदी ने कहा- यह मानवता पर प्रहार की तारीख, स्वामी विवेकानंद को भी किया याद

September 11 attacks: digi desk/BHN/ अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में आतंकी हमले का खतरा बढ़ गया है। इनके अलावा भी पूरी दुनिया में आतंकियों के हौसले बुलंद हैं और बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI-5 के प्रमुख केन मैक्कलम के अनुसार अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने से आतंकियों के हौसले बुलंद हैं और वो कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित होंगे। ऐसे में आतंकी फिर से 9/11 जैसे सुनियोजित हमलों को अंजाम दे सकते हैं। केन मैक्कलम ने दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि अलकायदा स्टाइल हमलों में तेजी आ सकती है। अफगानिस्तान में नाटो सैनिकों की वापसी के बाद से आतंकियों के हौसले बुलंद हैं। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा दुनिया को एक नए संकट की तरफ धकेल सकता है। इसलिए ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। 9/11 की बरसी पर बात करते हुए उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिटेन की पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने पिछले चार साल में 31 आतंकी हमलों को नाकाम किया है।

इस अंदाज में किया 9/11 को याद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद स्थिति सरदारधाम का लोकार्पण करते हुए कहा, आज 11 सितंबर यानी 9/11 है। दुनिया के इतिहास की एक ऐसी तारीख जिसे मानवता पर प्रहार के लिए जाना जाता है। लेकिन इसी तारीख ने पूरे विश्व को काफी कुछ सिखाया भी। एक सदी पहले ये 11 सितंबर 1893 का ही दिन था जब शिकागो में विश्व धर्म संसद का आयोजन हुआ था। आज के ही दिन स्वामी विवेकानंद ने उस वैश्विक मंच पर खड़े होकर दुनिया को भारत के मानवीय मूल्यों से परिचित कराया था। आज दुनिया ये महसूस कर रही है कि 9/11 जैसी त्रासदियों का स्थायी समाधान, मानवता के इन्हीं मूल्यों से ही होगा।

UK में 2005 में हुआ था खतरनाक आतंकी हमला

मैक्कलम ने कहा कि तालिबान के सत्ता में आने से चरमपंथियों का मनोबल बढ़ा है। इस वजह से आतंकी गतितविधियों भी बढ़ेंगी, जिनका सामना हमने पिछले 5-10 सालों में किया है। पिछले 20 सालों में ब्रिटेन में कई आतंकी हमले हुए हैं। यहां सबसे घातक आतंकी हमला सात जुलाई 2005 को हुआ था, जब चार आत्मघाती हमलावरों ने लंदन में मेट्रो ट्रेन और एक बस को निशाना बनाया था। इस हमले में 52 यात्रियों की मौत हुई थी।

अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने भी जताई चिंता

मैक्कलम ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए हमलों के 20 साल बाद ब्रिटेन पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है या कम सुरक्षित है। इस अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने भी आतंकी हमले का खतरा जताया है। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने इस संबंध में सरकार को आगाह भी किया है। आपको बता दें कि तालिबान सरकार में ऐसे कई चेहरे शामिल हैं, जिन्हें दुनिया खूंखार आतंकी के तौर पर जानती है। इन्हें UN ने भी आतंकी घोषित कर रखा है और अमेरिका ने इनके ऊपर इनाम भी घोषित किया है।

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