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Health Alert: कोरोना के बीच केरल में ‘निपाह’ वायरस के मामले से हड़कंप, जानिए, ये है कितना खतरनाक, लक्षण और उपचार 

Nipah virus connection with covid pandemic kerala cases: digi desk/BHN/ ‘न‍िपाह’ वायरस का एक मामला केरल में सामने आया है।ये वायरस इंसानों में क‍िस तरह फैलता है? कोरोना के बीच ‘निपाह’ वायरस के केरल पहुंचने से हड़कंप मच गया है। हम आपको बता रहे हैं इस खतरनाक वायरस के लक्षणों को कैसे पहचाने और इससे बचाव् के लिए क्या करें। इसका उपचार कैसे होगा यह भी हम आपको जानकारी देंगे।

न‍िपाह वायरस क्‍या है

‘न‍िपाह’ वायरस जानवरों से इंसानों में फैलने वाला एक संक्रमण है ज‍िससे पीड़‍ित व्‍यक्‍त‍ि को बुखार, गले में खराश, स‍िर में दर्द, उल्‍टी, चक्‍कर आना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इस समय कोव‍िड का खतरा पूरे व‍िश्‍व में बना हुआ है इस बीच ‘न‍िपाह’ वायरस के नए केस ने स्‍वास्‍थ्‍य प्रशासन और आम लोगों की च‍िंता बढ़ा दी है। केरल में न‍िपाह वायरस से 12 साल के लड़के की मौत हो गई है। र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, ज‍िस बच्‍चे की मौत हुई है उसकी जांच में ‘न‍िपाह’ वायरस संक्रमण की पुष्‍ट‍ि हुई है। इस मामले में नैशनल सेंटर ऑफ ड‍िसीज कंट्रोल की टीम पूरे मामले को समझ रही है, इस वायरस के क‍िन लक्षणों पर गौर करने की जरूरत है और आप इससे कैसे बच सकते हैं, इसके लक्षण कोव‍िड से क‍िस तरह म‍िलते हैं?

 इंसानों में कैसे फैलता है?

डब्‍ल्‍यूएचओ के मुताब‍िक ‘न‍िपाह’ एक ऐसा वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की मानें तो इसके ल‍िए बैट्स यानी चमगादड़ का सलाइवा ज‍िम्‍मेदार है। हालांक‍ि ये वायरस चमगादड़ से इंसानों में और एक इंसान से दूसरे इंसानों में फैल सकता है। ये वायरस चमगादड़ से अन्‍य जानवर और उस इंफेक्‍टेड जानवर के जर‍िए भी इंसानों में फैल सकता है। एक्‍सपर्ट्स के मुताब‍िक ये एक तरह का ड्रॉपलेट संक्रमण है जो कुत्‍ते, ब‍िल्‍ल‍ियों से भी फैल सकता है या संक्रमण फैलने का कारण दूष‍ित खाना खा लेना भी हो सकता है। भारत में ‘न‍िपाह’ वायरस पहली बार 2001 में आया था और साल 2021 से पहले ये वायरस भारत में 2018-19 में आया था तब इस संक्रमण से 17 लोगों की मौत हुई और साल 2007 में भी ये वायरस आ चुका है। ‘न‍िपाह’ वायरस से पहली मौत मलेश‍िया में साल 1999 में हुई थी।

न‍िपाह वायरस होने पर मरीज के शरीर में शुरूआती लक्षण 4 से 14 द‍िनों में नजर आते हैं वहीं कुछ केस में ये लक्षण 45 द‍िनों में भी द‍िख सकते हैं, आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे में- 

  • ‘न‍िपाह’ वायरस से संक्रम‍ित होने पर बुखार आता है।
  • ‘न‍िपाह’ वायरस होने पर स‍िर में दर्द होने की समस्‍या, मांसपेश‍ियों में दर्द उठता है।
  • कुछ मरीजों को चक्‍कर आना, थकान होना, होश न रहने जैसे लक्षण भी द‍िखते हैं।
  • गले में खराश, उल्‍टी जैसे लक्षण भी न‍िपाह वायरस में देखने को म‍िलते हैं।
  • कुछ केस में न‍िमोन‍िया और सांस से जुड़ी श‍िकायतें मरीज को महसूस हो सकती हैं।
  • गंभीर स्‍थ‍ित‍ि होने पर मरीज कोमा में भी जा सकता है, वहीं कुछ मरीजों को दौरे भी पड़ सकते हैं।

कोव‍िड के मामले अभी थमे नहीं है और ‘न‍िपाह’ वायरस ने अब भारत में दस्‍तक दे दी है। हालांक‍ि डॉक्‍टरों के मुताबि‍क न‍िपाह वायरस के फैलने की रफ्तार कोव‍िड के मुकाबले कम है। इससे पहले ये संक्रमण स‍िल‍िगुड़ी में फैल चुका है उस समय करीब 45 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। हालांक‍ि कोव‍िड की तुलना में इसका डेथ रेट कम है। कोव‍िड इंसानों में ज्‍यादा तेजी से फैलता है वहीं ‘न‍िपाह’ वायरस की रफ्तार थोड़ी धीमी होती है।

कोव‍िड और ‘न‍िपाह’ वायरस के लक्षण एक जैसे

इन द‍िनों व‍िश्‍व भर में कोविड का प्रकोप है ऐसे में एक नए वायरस की दस्‍तक लोगों को परेशान कर सकती है। ‘न‍िपाह’ वायरस और कोव‍िड के लक्षणों में काफी समानताएं हैं। कोव‍िड और ‘न‍िपाह’ वायरस दोनों ही में बुखार आता है। स‍िर में दर्द, मांसपेश‍ियों में दर्द, गले में खराश ये कोव‍िड के लक्षण भी हैं और ‘न‍िपाह’ वायरस होने पर भी ये लक्षण नजर आते हैं इसल‍िए आपको इन लक्षणों के नजर आने पर पहले कोव‍िड की जांच करवानी चाह‍िए और नेगेट‍िव आने पर डॉक्‍टर आपके अन्‍य टेस्‍ट कर सकते हैं।

‘न‍िपाह’ वायरस को जड़ से खत्‍म करने वाली दवा अभी नहीं बनी है इसल‍िए टेस्‍ट में अगर ‘न‍िपाह’ वायरस की पुष्‍ट‍ि होती तो अस्‍पताल में एडम‍िट होने के बाद मरीज को सपोर्टि‍व ट्रीटमेंट द‍िया जाता है मतलब उसके लक्षणों को कम करने की कोश‍िश की जाती है। इसके अलावा इम्‍यून‍िटी को मजबूत करने वाली डाइट और दवा दी जाती है। इस संक्रमण से बचने के ल‍िए समय पर इलाज जरूरी है।

न‍िपाह का टीका उपलब्‍ध नहीं

डब्‍ल्‍यूएचओ की मानें तो अब तक ‘न‍िपाह’ वायरस के लि‍ए कोई टीका या दवा मौजूद नहीं है। कोव‍िड की तरह वैज्ञान‍िकों ने ‘न‍िपाह’ वायरस से न‍िपटने के ल‍िए अब तक कोई वैक्‍सीन नहीं बनाई है केवल इस संक्रमण के लक्षणों को कम करने के ल‍िए दवा और इलाज द‍िया जाता है। अगर प‍ीड़‍ित को निपाह वायरस के लक्षण आ रहे हैं तो उसे फौरन डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहि‍ए। कोव‍िड की तरह ‘न‍िपाह’ की जांच भी आरटी-पीसीआर के जर‍िए की जाती है। इसके अलावा डॉक्‍टर एंटीबॉडीज टेस्‍ट भी करवाते हैं।

निपाह वायरस से कैसे बचें

न‍िपाह वायरस से बचने के ल‍िए इन ट‍िप्‍स को फॉलो करें- 

  • आपको अपने हाथों को न‍ियम‍ित तौर पर साफ करते रहना चाहि‍ए।
  • ऐसी चीजों को छूने से बचना चाह‍िए ज‍िसमें जानवरों का मल, मूल हो सकता है जैसे जंगली घास या पेड़।
  • अगर कोई जानवर बीमार है तो उस जानवर को ब‍िना ग्‍लब्‍स पहने छूने से बचें।
  • आपको फल और सब्‍ज‍ियों को अच्‍छी तरह से धोकर ही खाना चाहि‍ए।
  • ‘न‍िपाह’ वायरस पेड़ों पर लदे फलों से भी हो सकता है इसलि‍ए पेड़-पौधों से दूर रहें।
  • इन दिनों कोव‍िड और अन्‍य संक्रमि‍त बीमार‍ियों से बचने के ल‍िए आपको फेस मास्‍क जरूर लगाना चाह‍िए।
  • अगर कोई व्‍यक्‍त‍ि संक्रमित है तो उससे उच‍ित दूरी बनाकर रखें।

क‍िसी को भी ये वायरस अपनी चपेट में ले सकता है इसल‍िए अपने आसपास सफाई बनाए रखें और क‍िसी भी तरह के लक्षण नजर आने पर डॉक्‍टर से संपर्क जरूर करें।

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