Janmashtami in Pakistan ,destroys krishna idol: digi desk/BHN/ इस्लामाबाद /पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों व उनके धार्मिक स्थल पर कट्टरपंथी संगठनों द्वारा हमले कोई नई बात नहीं है। अब जन्माष्टमी पूजा करने पर भी पाकिस्तान में कुछ कट्टरपंथी संगठन भड़क गए हैं और धर्म परिवर्तन के लिए बदनाम सिंध के खिप्रो इलाके में जन्माष्टमी की पूजा कर रहे हिंदुओं पर हमला हुआ है। साथ ही कट्टरपंथियों की भीड़ ने भगवान की मूर्ति को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। इस घटना की सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर की जा रही है और दुनियाभर में निंदा की जा रही है।
पाकिस्तानी समाजसेवी ने बताई पूरी सच्चाई
पाकिस्तानी के समाजसेवी और वकील राहत ऑस्टिन ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि सिंध के खिप्रो में एक हिंदू मंदिर में कट्टरपंथियों ने तोड़फोड़ की है और हिंदू देवता का अपमान किया है क्योंकि हिंदू धर्मावलंबी जन्माष्टमी मना रहे थे। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि पाकिस्तान में इस्लाम के खिलाफ ईशनिंदा के झूठे आरोप में भी मौत की सजा दी जाती है, लेकिन गैर-मुस्लिम देवताओं के खिलाफ अपराध करने पर किसी भी प्रकार की सजा नहीं दी जाती है। वहीं एक NGO न्यूज ऑर्गनाइजेशन द राइज न्यूज की एडिटर और पत्रकार वींगास ने ट्वीट कर लिखा कि खिप्रो में जन्माष्टमी पर कुछ लोगों ने तोड़-फोड़ की – क्या दोषियों को सख्त सजा मिलेगी?
सिंध प्रांत में ज्यादा होते हैं मंदिरों पर हमले
पाकिस्तान के सिंध प्राप्त में हिंदू मंदिरों पर ज्यादा हमले होते हैं। इसके अलावा यह प्रांत जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने के लिए भी ज्यादा बदनाम है। यहां अब तक की हिंदू लड़कियों को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जा चुका है। अक्टूबर 2020 में सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में स्थित नागरपारकर में धार्मिक कट्टरपंथियों ने दुर्गा माता की मूर्ति को खंडित कर दिया था, वहीं सितंबर 2020 में सिंध प्रांत के बादिन जिले में एक अन्य हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी।
मानवाधिकार संस्था मूवमेंट फॉर सॉलिडैरिटी एंड पीस (MSP) की रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया है कि पाकिस्तान में हर वर्ष 1000 से ज्यादा ईसाई और हिंदू महिलाओं या लड़कियों का अपहरण कर लिया जाता है और जबरन धर्म परिवर्तन कर दिया जाता है। इन पीड़ितों में अधिकांश की उम्र 12 साल से 25 वर्ष के बीच होती है।